हर वर्ष 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस का जश्न मनाया जाता है। यह दिवस विश्व स्तर पर लोगों में पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूकता बढ़ाने और प्रकृति के प्रति जिम्मेदारी निभाने की प्रेरणा देने के लिए समर्पित है।
वर्ष 2025 में विश्व पर्यावरण दिवस का थीम “प्लास्टिक प्रदूषण को समाप्त करना” रखा गया है, जो इस बात को चिह्नित करता है कि अब समय आ गया है कि हम प्लास्टिक के संकट का सामना करने के लिए निर्णायक कदम उठाएं।
प्लास्टिक प्रदूषण: एक वैश्विक संकट
प्लास्टिक ने हमारी जिंदगी को सुविधाजनक जरूर बनाया है, लेकिन यह सुविधा अब अभिशाप बनती जा रही है। प्लास्टिक न केवल हमारी नदियों, समुद्रों और भूमि को प्रदूषित कर रहा है, बल्कि यह पारिस्थितिकी तंत्र, जैव विविधता और मानव स्वास्थ्य के लिए भी गंभीर खतरा बन चुका है।
हर साल 30 करोड़ टन से अधिक प्लास्टिक का उत्पादन होता है, जिसमें से लगभग 50% एकल-उपयोग (single-use) प्लास्टिक होता है।
अनुमान के अनुसार, 80 लाख टन प्लास्टिक कचरा समुद्रों में जाता है, जिससे समुद्री जीव-जंतुओं की जान खतरे में पड़ जाती है।
माइक्रोप्लास्टिक अब हमारे खाद्य पदार्थों, जल स्रोतों और यहाँ तक कि हमारे रक्त में भी पाया जाने लगा है।
2025 की थीम: क्यों प्लास्टिक प्रदूषण पर रोक लगना आवश्यक है?
विश्व पर्यावरण दिवस 2025 की थीम न केवल जन-जागरूकता बढ़ाने के लिए दी जानी है, बल्कि वैश्विक और स्थानीय स्तर पर ठोस कार्यवाही को प्रेरित करने के लिए भी दी जानी है। यह थीम हमें कुछ इस प्रकार सोचने पर मजबूर करती है:
क्या हम इस पृथ्वी को भविष्य की पीढ़ियों के लिए रहने के लायक छोड़ पाएंगे?
क्या हम अपने जीवन में इतना बदलाव ला सकते हैं कि प्लास्टिक के बिना भी हमारी दिनचर्या सामान्य रह सके?
क्या सरकार, उद्योग और आम नागरिक मिलकर एक संयुक्त रणनीति बना सकते हैं?
प्लास्टिक प्रदूषण के प्रभाव
1. पर्यावरण पर प्रभाव
प्लास्टिक कचरा जंगलों, समुद्रों और नदियों में जमा होकर प्राकृतिक पारिस्थितिकी तंत्र को नष्ट करता है।
जानवर प्लास्टिक को भोजन समझकर निगल लेते हैं, जिससे उनकी मौत हो जाती है।
2. प्रभाव मानव स्वास्थ्य पर
माइक्रोप्लास्टिक हमारे शरीर में जाकर हार्मोनल असंतुलन, कैंसर, गर्भधारण में कठिनाई, और तंत्रिका तंत्र पर प्रभाव डाल सकता है।
प्लास्टिक जलाने से निकलने वाली गैसें वायु प्रदूषण का कारण बनती हैं।
3. आर्थिक प्रभाव
पर्यटन उद्योग को नुकसान, मछली पकड़ने वाले उद्योग में गिरावट, और नगर निगमों को अपशिष्ट प्रबंधन में भारी खर्च सहना पड़ता है।
प्लास्टिक से लड़ने के प्रयास
1. वैश्विक प्रयास
संयुक्त राष्ट्र ने 2022 में प्लास्टिक प्रदूषण पर एक वैश्विक संधि को तैयार करने की प्रक्रिया शुरू की थी, जो 2025 तक लागू होने की अपेक्षा है।
अधिकांश देशों ने single-use प्लास्टिक पर प्रतिबंध लगा चुके हैं, केन्या, फ्रांस, कनाडा, और भारत जैसे।
2. भारत सरकार की पहल
भारत सरकार ने 2022 में single-use प्लास्टिक पर प्रतिबंध लगाया।
“स्वच्छ भारत अभियान” और “लाइफस्टाइल फॉर एनवायरमेंट (LiFE)” जैसे अभियानों के माध्यम से प्लास्टिक कचरे के खिलाफ जन आंदोलन को बढ़ावा दिया जा रहा है।
3. सामाजिक संगठनों और नवाचारों की भूमिका
सामाजिक संगठन ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में प्लास्टिक मुक्त जीवनशैली को बढ़ावा दे रहे हैं।
स्टार्टअप्स अब पुनर्नवीकरण प्लास्टिक से टिकाऊ उत्पाद बना रहे हैं, जैसे कि सड़कें, फर्नीचर, और वस्त्र।
आप क्या कर सकते हैं? – नागरिक की भूमिका
प्लास्टिक प्रदूषण से युद्ध सरकारों की या कंपनियों की जिम्मेदारी नहीं है, लेकिन इसमें हर नागरिक की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण है:
1. पुन: उपयोग और पुनर्चक्रण को अपनाएं
कपड़े या जूट के थैलों का इस्तेमाल हर उस पल पर करें, जहां संभव हो।
प्लास्टिक बोतलें और कंटेनरों को वाश करके फिर से उपयोग करें।
2. एकल-उपयोग प्लास्टिक को कहें ‘ना’
स्ट्रॉ, चम्मच, कप, प्लेट आदि उत्पादों का प्रयोग बंद करें।
शादी, उत्सव और सार्वजनिक आयोजनों में प्लास्टिक मुक्त समाधान अपनाएं।
3. प्लास्टिक के विकल्प अपनाएं
बांस, कांच, स्टील, मिट्टी और जूट से बने उत्पादों का उपयोग बढ़ाएं।
4. जागरूकता फैलाएं
अपने परिवार, मित्रों और समाज में प्लास्टिक प्रदूषण के खतरे को समझाएं।
स्कूलों, कॉलेजों और संस्थानों में कार्यशालाएं आयोजित करें।
शिक्षा और युवा शक्ति की भूमिका
युवा पीढ़ी इस संकट को समाप्त करने में परिवर्तनकारी भूमिका निभा सकती हائه useSelector
स्कूल कोर्स में पर्यावरण शिक्षा को आवश्यक किया जाना चाहिए।
युवा सामाजिक मीडिया को अपना लेकर जागरूकता बढ़ा सकते हैं।
कॉलेजों में नवाचार और रिसर्च को प्रोत्साहित किया जाना चाहिए जिससे टिकाऊ विकल्प सामने आ सकें।
प्रौद्योगिकी का योगदान
नए प्लास्टिक विकल्प जैसे कि बायोडिग्रेडेबल प्लास्टिक सामने आ रहे हैं, जो आसानी से सड़ सकते हैं और पर्यावरण को नुकसान नहीं पहुंचाते।
AI और मशीन लर्निंग की संपूर्ण सहायता से अपशिष्ट प्रबंधन बेहतर किया जा रहा है।
ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी से प्लास्टिक अपशिष्ट की ट्रैकिंग संभव हो रही।
आने वाला रास्ता: संकल्प और सामूहिक प्रयास
2025 में जब पूरी दुनिया “प्लास्टिक प्रदूषण को समाप्त करने” की थीम के साथ एकजुट होगी, तब यह केवल एक प्रतीकात्मक दिन नहीं होगा, बल्कि एक वैश्विक आंदोलन का हिस्सा होगा। यह वह समय होगा जब:
सरकारें सख्त नीति बनाएंगी,
उद्योग स्थायी उत्पादन की दिशा में आगे बढ़ेंगे।
और आम जनता अपने जीवन में परिवर्तन लाएंगे।
निष्कर्ष :
विश्व पर्यावरण दिवस 2025 का हमें मौका मिलता है जहां हम अपने कामों की समीक्षा नहीं केवल कर सकते हैं, बल्कि एक नया जीवन भी शुरू कर सकते हैं। यदि हम आज से ही सख्त कदम उठाएं, तो हम एक ऐसा भविष्य आकर्षित कर सकते हैं जहां नदियाँ फिर से स्वच्छ होंगी, समुद्र प्लास्टिक मुक्त होंगे और पृथ्वी फिर से हरी-भरी हो सकेगी।
वार प्लास्टिक प्रदूषण के खिलाफ नहीं होगा, लेकिन अगर हम सभी मिलकर भाग लेंगे, तो यह न podnik भी नहीं होगा। आइए, 5 जून 2025 को कुछ संकल्प लें – “प्लास्टिक प्रदूषण मुक्त भारत और विश्व की ओर”.